सीमा पार से जारी फायरिंग और आतंकी हमलों के बीच केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि रमजान के बाद सुरक्षा बलों को आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन करने की पूरी छूट होगी। यानी आतंकियों के सफाए के लिए सेना का ऑपरेशन ऑलआउट फिर शुरू हो सकता है। गृह मंत्रालय की ओर से अभी ईद तक आतंकियों केखिलाफ अभियान पर रोक है। वहीं, केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार अमरनाथ यात्रा की तैयारियों को चाकचौबंद बनाने में जुट गई है।
पिछले हफ्ते मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती समेत राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ सुरक्षा तैयारियों पर चर्चा के बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने केंद्र में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के प्रमुखों के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, गृह सचिव, आइबी निदेशक और कश्मीर विभाग से जुड़े अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बताया जाता है कि बैठक में रमजान के दौरान आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन नहीं चलाने के फैसले पर कोई चर्चा नहीं हुई। लेकिन गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, सरकार इसे आगे बढ़ाने के मूड में नहीं है। ऑपरेशन रोके जाने से हिंसक झड़पों और पत्थरबाजी की घटनाओं में कमी जरूर आई। लेकिन आतंकी हमले कम होने के बजाय ज्यादा बढ़ गए।
अमरनाथ यात्रा की होगी कड़ी सुरक्षा
बैठक में राजनाथ सिंह ने साफ कर दिया कि अमरनाथ यात्रा को भी हर हालत में पूरी तरह से चाकचौबंद बनाना है। इसके लिए जम्मू-कश्मीर सरकार की अतिरिक्त सुरक्षा बल मुहैया कराने की मांग को स्वीकार लेना चाहिए। एनएसए और आइबी के निदेशक भी इससे सहमत थे। इसके बाद केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल के प्रमुखों को अमरनाथ यात्रा के लिए अतिरिक्त बटालियन का बंदोबस्त करने को कहा गया।
सूत्रों के अनुसार, आइबी निदेशक राजीव जैन ने बताया कि अमरनाथ यात्रा के दौरान आतंकी हमले की अभी तक कोई खुफिया रिपोर्ट नहीं है। लेकिन राजनाथ सिंह का कहना था कि इसके लिए खुफिया रिपोर्ट का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को किसी भी संभावित स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। बैठक के दौरान राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा बलों की तैनाती, आपात स्थिति के लिए बंकरों के निर्माण और घनी आबादी वाले इलाके से दूर खुले में नए यात्रा रूट खोलने के प्रस्ताव पर भी विस्तार से विचार किया गया।
यात्रा के दौरान ये उपाय होंगे
अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती
-आपात स्थिति के लिए बंकर निर्माण
-घनी आबादी से दूर नए यात्रा रूट
ईद मनाने घर जा रहे सैन्यकर्मी को अगवा कर मार डाला
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर : दक्षिण कश्मीर के पुलवामा में गुरुवार को आतंकियों ने छुट्टी पर ईद मनाने घर जा रहे सैन्यकर्मी औरंगजेब को अगवा कर मार डाला। वह 44 आरआर के उसी दस्ते का हिस्सा थे, जिसने मेजर शुक्ला के नेतृत्व में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी समीर बट उर्फ समीर टाइगर को द्रबगाम पुलवामा में 30 अप्रैल 2018 को हुई मुठभेड़ में मार गिराया था।
बुरहान वानी के बाद समीर को पोस्टर ब्वॉय के रूप में पेश किया गया था। औरंगजेब जम्मू संभाग के जिला पुंछ अंतर्गत कसबलारी, मेंढर के निवासी थे। सुबह करीब नौ बजे शादीमर्ग (पुलवामा) में स्थित सेना की 44 आरआर के जवानों ने अपने शिविर के बाहर एक सूमो टैक्सी पर अपने साथी औरंगजेब को बिठाया। शोपियां से कुछ दूरी पर स्थित कलमपोरा में आतंकियों ने सूमो टैक्सी को रोक लिया। उन्होंने भीतर बैठे सभी लोगों की
छानबीन की और औरंगजेब की निशानदेही कर उन्हें अपने साथ ले गए। देर रात गोलियों से छलनी जवान का पार्थिव शरीर पुलवामा जिले के गुस्सू इलाके में मिला।
रोजा खोलने जा रहे पत्रकार शुजात बुखारी की हत्या
श्रीनगर : कश्मीर के वरिष्ठ पत्रकार शुजात बुखारी की गुरुवार रात एक आतंकी हमले में मौत हो गई। उनके साथ दो अंगरक्षकों की भी मौत हो गई। शुजात पर हमला शाम करीब साढ़े सात बजे तब किया गया जब वह अपने कार्यालय से इफ्तार के लिए निकले थे। मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुजात की मौत पर दुख जताया है।
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने शुजात की हत्या की निंदा की है।शुजात बुखारी भारत-पाक के बीच संबंध सामान्य बनाने के लिए जारी ट्रैक -2 की प्रक्रिया में भी शामिल थे। उन्हें 10 जून 2006 को भी आतंकियों ने श्रीनगर के रेजीडेंसी रोड से अगवा किया था। वह अंग्रेजी दैनिक राइ¨जग कश्मीर के अलावा कश्मीरी भाषा के अखबार संगरमाल व उर्दू दैनिक बुलंद कश्मीर के संपादक और प्रकाशक थे। उनके बड़े भाई सईद बशारत बुखारी पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार में बागवानी मंत्री हैं। शुजात बुखारी के परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं।