गुजरात सरकार के भविष्य का फैसला आज हो जाएगा। मतगणना का दूसरा घंटा शुरू हो चुका है और भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर दिखाई दे रही है। फिलहाल 85 पर भाजपा तो 75 पर कांग्रेस आगे चल रही है। गुजरात के डिप्टी सीएम नितिन पटेल मेहसाणा सीट पर आगे चल रहे हैं। मणिनगर में भी भाजपा आगे चल रही है। वहीं जयसिंह पुर से कांग्रेस आगे चल रही है।राजकोट पश्चिम से मुख्यमंत्री विजय रुपाणी आगे चल रहे हैं। यहां पर उनके समक्ष कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरू हैं।सौराष्ट्र में कांग्रेस आगे चल रही है और दक्षिण गुजरात में भाजपा आगे है। सौराष्ट्र में पटेल फैक्टर का असर दिखाई दे रहा है। पिछले विधानसभा चुनाव में 116 सीट भाजपा के खाते में गई थीं जबकि 61 सीटों पर कांग्रेस का कब्जा था।
आपको बता दें कि गुजरात की 182 सीटों के लिए दो चरणों में मतदान हुआ था। पहले चरण के लिए 9 दिसंबर को वोट डाले गए थे। इस दौरान 89 सीटों के लिए वोटिंग हुई थी। 14 दिसंबर को उत्तर और मध्य गुजरात के 93 सीटों के लिए मतदान अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। गुजरात में कुछ सीटें बेहद अहम हैं जिन पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।
इनमें से एक है राजकोट और दूसरी है वलसाड। राजकोट की सात में एक सीट राजकोट पश्चिम से मौजूदा मुख्यमंत्री विजय रुपाणी मैदान में हैं।
उनको चुनौती देने के लिए कांग्रेस के इंद्रनील राजगुरू को मैदान में उतारा है। राजकोट की सात में चार सीटों पर भाजपा का तो तीन सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। राजकोट पश्चिम की सीट पर रुपाणी ने 2014 में कांग्रेस के जयंतीभाई कलारिया को करीब 75 हजार वोटों से हराया था। 1985 के बाद से ही यहां पर भाजपा यहां पर लगातार जीत दर्ज कराती आई है।
इसके अलावा वलसाड के साथ यह भी मिथक जुड़ा हुआ है कि यहां से जीत दर्ज करने वाली पार्टी ही राज्य में सरकार बनाती रही है। वर्ष 2012 में यहां से भारतभाई पटेल ने कांग्रेस के धर्मेश पटेल को करीब 35 हजार से अधिक मतों से हराया था। 2007 में यहां से दौलतराय देसाई ने भाजपा के टिकट पर जीत दर्ज की थी।
इतना अहम क्यों है गुजरात चुनाव
गुजरात चुनाव इस बार जितना अहम बन गया है उतना अहम पहले कभी नहीं रहा। इसकी कुछ खास वजह हैं। पहली और सबसे बड़ी वजहों में आते हैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जिनका वह गृह राज्य है। दूसरी वजह है उनके विकास का गुजरात मॉडल और तीसरी वजह है वहां पर दो दशकों से भाजपा का शासन है। कांग्रेस इन तीनों से ही अब पार पाना चाहती है। दरअसल, कांग्रेस गुजरात में जीत दर्ज कर यह बताने की कोशिश करेगी कि प्रधानमंत्री का विकास का मॉडल पूरी तरह से बेकार है और उन्हें उनके गृह राज्य में ही कोई नहीं पूछता है। वहीं भाजपा के सामने दो दशकों से जारी सत्ता को बचाने की लड़ाई है। यही वजह है कि इस बार यह चुनाव इतना अहम हो गया है।