भारतीय जवानों के शव क्षत-विक्षत करने की पाकिस्तानी सेना की बर्बर हरकत से दोनों पड़ोसी मुल्कों के रिश्तों में एक बार फिर से खटास बढ़ता दिखा है. पाकिस्तान इस हरकत से भले ही अपना पल्ला झाड़ता दिख रहा है, लेकिन भारत ने उसके दावों को खारिज किया है और उसे खबक सिखाने के तरीके पर विचार किया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, सरकार जहां एक तरफ राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान के ऊपर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश कर रही है, वहीं 1 मई को हुई घटना का बदला लेने के लिए सेना को खुली छूट दिए जाने पर भी विचार किया जा रहा है
.भारत पहले पाकिस्तानी उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर इस इस बर्बर हमले में शामिल में सैनिकों और कमांडरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर चुका है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने साफ किया है कि भारत के पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि इस बर्बर, नृशंस और अमानवीय घटना में पाकिस्तानी सेना का हाथ है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी उच्चयुक्त से इस घटना के सबूत साझा किए गए और उनसे सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. पाकिस्तान ने हालांकि भारत के आरोपों को खारिज किया है, ऐसे में संकेत हैं कि आने वाले में दिनों में भारत राजनयिक स्तर पर पाकिस्तान के ऊपर दबाव बढ़ाएगा