कर्नाटक पर देशभर की निगाहें लगी हुई हैं। मंगलवार को राज्य विधानसभा चुनावों के लिए मतों की गणना होगी। 224 सदस्यीय विधानसभा की 222 सीटों पर शनिवार को मतदान हुआ था। मुख्य मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच है। मतदान के बाद विभिन्न चैनलों पर प्रसारित एग्जिट पोल में त्रिशंकु विधानसभा की संभावना व्यक्त की गई है। ऐसी स्थिति में अगली सरकार के गठन में जदएस की भूमिका अहम हो सकती है। पांच चैनलों के एग्जिट पोल में भाजपा को और चार चैनलों के एग्जिट पोल में कांग्रेस को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में दिखाया गया है। हालांकि, दो-दो चैनलों के एग्जिट पोल में भाजपा और कांग्रेस को बहुमत का अनुमान भी व्यक्त किया गया है। मतगणना के जो भी नतीजे आएं पर सरकार गठन की पांच संभावनाएं हो सकती हैं।
1. भाजपा को बहुमत मिलने पर
भाजपा अगर बहुमत का आंकड़ा हासिल करने में कामयाब रही तो स्पष्ट तौर पर बीएस येद्दयुरप्पा ही कर्नाटक के अगले मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पार्टी किसी दलित चेहरे को उपमुख्यमंत्री भी बना सकती है। अगर दो-चार सीटें कम पड़ीं तो निर्दलीय विधायकों का समर्थन जुटाया जा सकता है।
2. कांग्रेस को बहुमत मिलने पर
कांग्रेस को बहुमत मिला तो इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सिद्दरमैया ही राज्य के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। ऐसे में दलित मुख्यमंत्री की मांग के मद्देनजर पार्टी किसी दलित को उपमुख्यमंत्री बना सकती है। एक संभावना किसी लिंगायत को उपमुख्यमंत्री बनाने की भी है। अगर पार्टी बहुमत के आंकड़े से दो-चार सीटें पीछे रह गई तो निर्दलीय विधायक ही उसका सहारा बनेंगे।
3. भाजपा सबसे बड़ी पार्टी
इस स्थिति में भाजपा को जदएस के समर्थन की जरूरत होगी। अगर जदएस 40-50 सीटें हासिल करने में सफल रहा तो 30-30 (आधा-आधा कार्यकाल) फॉर्मूले पर सहमति बन सकती है। लेकिन तब भी भाजपा पहला कार्यकाल जदएस को देने पर शायद ही सहमत हो क्योंकि पूर्व में कुमार स्वामी भाजपा के साथ समझौता करके उससे मुकर चुके हैं।
4. कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी
ऐसी स्थिति में पार्टी को जदएस के साथ-साथ निर्दलीय विधायकों के समर्थन की भी दरकार होगी। हालांकि सरकार गठन की शर्ते जदएस के संख्या बल पर निर्भर करेंगी। इसके अलावा जदएस से कटुतापूर्ण संबंधों के कारण सिद्दरमैया मुख्यमंत्री नहीं बन सकेंगे और कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद के लिए नया चेहरा तलाशना होगा। सियासी हलकों में चर्चा तो यह भी है कि चूंकि कांग्रेस और जदएस दोनों का ही प्रभाव पुराने मैसुरु क्षेत्र में है इसलिए संभव है जदएस कांग्रेस के साथ न जाए।
5. जदएस का मुख्यमंत्री
एक संभावना एचडी कुमार स्वामी के नेतृत्व में जदएस सरकार बनने की भी है। जिसे भाजपा या कांग्रेस बाहर से समर्थन दें। भाजपा 2019 के लोकसभा चुनावों के मद्देनजर जदएस का समर्थन करने पर सहमत हो भी सकती है। इसी तरह, कांग्रेस भी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए जदएस को बाहर से समर्थन दे सकती है। इसके अलावा उसका यह कदम 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए विपक्षी दलों के महागठबंधन में भी सहायक होगा।