किसी तरह की शारीरिक परेशानी होने पर डॉक्टर पानी पीने की सलाह देते हैं। दिन में कम से कम रोज़ 8 गिलास पानी पीना चाहिए। इससे आपका डायजेस्टिव सिस्टम, स्किन और बाल हेल्दी रहते हैं। पानी शरीर से बेकार पदार्थ बहार निकालता है। आप सभी को ज्ञात होगा की मनुष्य के शरीर के पूरे वजन का लगभग दो तिहाई भाग पानी है, इसी से पानी की महत्वत्ता का पता चलता है
पेट संबंधी समस्या में - सुबह उठकर खाली पेट पानी पीने से पेट की सारी समस्याएं खत्म हो जाती हैं।इससे कब्ज में राहत मिलती है, आंतों में जमा मल निकलने में आसानी होती है, जिससे पेट पूरी तरह से साफ होता है, और भूख भी खुलकर लगती है
वजन कम करे पानी - सुबह के वक्त एकदम ठंडा पानी पीने से आपका मेटाबॉलिज्म 24 प्रतिशत तक बढ़ता है, जिससे वजन आसानी से कम होता है, वहीं गरम पानी पीने से भी अतिरिक्त चर्बी कम होती है, और आपका वजन कम हो जाता है।
पानी विषैले तत्व करे बाहर - भरपूर मात्रा में पानी पीने से, शरीर में मौजूद हानिकारक एवं विषैले तत्व पसीने व मूत्र द्वारा शरीर से बाहर निकल जाते हैं। जिससे विषाणुओं से बचाव होता है, बीमारियां नहीं होती। सुबह के वक्त खाली पेट पानी पीने से शरीर की बेहतर सफाई होती है।
पेशाब संबंधी समस्याओं के लिए - सुबह खाली पेट पिया जाने वाला पानी, रातभर शरीर में बने हानिकारक तत्वों को एक ही बार में पेशाब के जरिए निकालने का काम करता है, इसके साथ ही समय-समय पर भरपूर मात्रा में पानी पीते रहने पर, पेशाब में जलन, यूरिन इंफेक्शन एवं अन्य समस्याएं समाप्त हो जाती है।
नमी बनाए रखे पानी - सुगमता से कार्य करने के लिए शरीर के अंगों में नमी को होना बेहद आवश्यक है, जिसे बनाए रखने का कार्य पानी करता है। इसलिए दिन की शुरूआत में ही खाली पेट पानी पीना बेहतर होता है, ताकि पूरा दिन शरीर के सभी अंग सुगमता से कार्य कर सकें । पानी रक्त में हानिकारक तत्वों को घुलने नहीं देता, और उसके शुद्धिकरण में सहायक होता है, जिससे नई कोशिकाओं और मांसपेशियों के बनने की प्रक्रिया बढ़ जाती है ।
त्वचा बने स्वस्थ पानी पीने से - खाली पेट पानी पीने से कोशिकाओं को ऑक्सीजन मिलती है, और वे सक्रिय रहती हैं, जिससे त्वचा पर ताजगी बनी रहती है। इसके साथ ही पसीने द्वारा हानिकारक तत्व शरीर से बाहर निकलने पर, त्वचा अंदर से साफ होती है और उसमें नमी बनी रहती है, जिससे त्वचा स्वस्थ व चमकदार दिखाई देती है।
तनाव से राहत दे पानी - सुबह खाली पेट एवं दिनभर पानी पीते रहने से तनाव नहीं होता, और मानसिक समस्याएं भी ठीक हो जाती हैं। जब आप सोकर उठते हैं, तो दिमाग शांत होता है। ऐसे समय पानी पीना दिमाग को ऑक्सीजन प्रदान कर, उसे तरोजाता बनाए रखता है, जिससे दिमाग सक्रिय रहता है।
सुबह खाली पेट पानी पीने के फायदे- सुबह उठकर लगभग 4 से 5 गिलास पानी पीना चाहिए लेकिन आप इस आदत को डालने की सोच रहे हैं तो शुरुआत 1 या 2 गिलास से कर सकते हैं. आइये जानते है क्यों पीना चाहिए सुबह उठकर पानी
1. सुबह उठकर पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ निकल जाते हैं, जिससे खून साफ हो जाता है. खून साफ हो जाने से त्वचा पर भी चमक आती है.
2. सुबह उठकर पानी पीने से नई कोशिकाओं का निर्माण होता है. इसके अलावा मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं.
3. सुबह उठकर पानी पीने से मेटाबॉलिज्म सक्रिय हो जाता है. अगर आप वजन घटाना चाह रहे हैं तो जितना जल्दी हो सके सुबह उठकर खाली पेट पानी पीना शुरू कर दीजिए.
4. जो लोग सुबह उठकर खाली पेट पानी पीते हैं उन्हें कब्ज की शिकायत नहीं होती. सुबह पेट साफ होने की वजह से ऐसे लोग जो कुछ भी खाते हैं उसका उनके शरीर को पूरा फायदा मिलता है. कब्ज की वजह से होने वाले अन्य रोग भी नहीं होते.
5. सुबह उठकर पानी पीने से गले, मासिक धर्म, आंखों, पेशाब और किडनी संबंधी कई समस्याएं शरीर से दूर रहती हैं.
बीमारी और प्रेगनेंसी में पानी का सेवन - जब भी आप बीमार हो जाते हो तो आप को पानी का सेवन अधिक मात्रा में करना चाहिए, क्योंकि जब आप पानी पीते हो तो आप की बॉडी बहुत ही जल्द रिपेयर हो जाती है और आप ठीक हो जाते हो और प्रेगनेंसी के दिनों में भी महिलाओं को अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए। उन दोनों उन्हें कम से कम 10 गिलास पानी के पीने चाहिए।
शरीर का तापमान और रोग प्रतिरोधक क्षमता - खाली पेट पानी पीने से दिन की शुरूआत से ही आपके शरीर का तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे छोटी- छोटी बीमारियों से शरीर सुरक्षित रहता है। पानी शरीर में अवांछित तत्वों को रहने नहीं देता, और शरीर के सभी अंगों को स्वस्थ बनाए रखता है। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।
कितना पानी पीना चाहिए - गर्म जलवायु में रहने वाले लोगो को कम से कम आठ लीटर पानी पीना चाहिए। बीमारी के समय भी पीना चाहिए, जिससे शरीर के अंदर ठण्डक पहुँचे और शरीर का तंत्र फिर शुरू हो जाए। एक स्वस्थ शरीर ही बीमारी से लड़ सकता है। पानी को थोड़ी-थोड़ी मात्रा में बार-बार पीना स्वास्थ्य के लिए हितकर माना गया है। प्यास के समय इच्छा के विपरीत बेहद दूँस-ढूँसकर पानी पीना हानिकारक होता है। भोजन, और घर से बाहर निकलने से पहले तीन घूंट पानी अवश्य पियें। सुबह नींद से उठते ही खाली पेट 2 गिलास हल्का गर्म पानी पीएं। रात को सोने से पहले तीन घूंट पानी पीना, स्वास्थ्यवर्धक होता है।
पानी कैसे पियें - पानी एक साथ नहीं, धीरे-धीरे, घूंट-घूंट पीना चाहिए ताकि शरीर के तापमान के अनुसार वह पेट में पहुँचे। शरीर के तापमान के अनुसार ही पानी पीना चाहिए| कोशिश करें की प्लास्टिक से बने गिलास या बोतल से पानी न पियें| गिलास या बर्तन को होंठों से लगाकर पानी पीने के बजाए ऊपर से सीधे मुँह में डालकर पानी पीने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है। इससे पेट की बीमारियों की आशंका बनी रहती है। पानी ऊपर से या एक साथ पीना मुँह से लेकर गुदा द्वार तक की आहार नाल में वायुदोष पैदा करता है और हवा ऊपर उठकर बदहजमी, खट्टी डकारें, अपच, जी मिचलाने जैसी बीमारियाँ हो जाती हैं। पानी की शुद्धता के लिए पानी में तुलसी के पते डाले रखें। इससे पानी शुद्ध रहता है।
पानी कब अधिक पियें - उच्च रक्तदाब, बुखार , लू लगना, पेशाब की बीमारियाँ, हृदय की तेज धड़कन, कब्ज़, पेट में जलन आदि रोगों में अधिकाधिक पानी पीना चाहिए। गर्मियों में ज्यादा पसीना आने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है इस अवस्था में ज्यादा मात्रा में पानी पियें|
पानी कब न पियें - किसी भी गर्म भोजन, खीरा, खरबूजा, ककड़ी खाने के बाद, सोकर उठने के तुरन्त बाद चाहे दिन हो या रात, गर्म दूध या चाय पीने के बाद, धूप से आने के बाद तुरन्त पानी नहीं पीना चाहिए। भोजन करने के तुरंत बाद पानी कभी नहीं पीना चाहिए इससे आंतो में मौजूद पाचन रस पानी मिलने से अपनी पूरी क्षमता से काम नहीं कर पता है | कम से कम एक घंटे बाद पानी पियें| भोजन करने के पश्चात अगर पानी पीने की ज्यादा इच्छा हो तो जूस , दूध,लस्सी या दही लें|
पानी पीने के भी हैं खास नियम
1. पानी कभी भी अधिक मात्रा में एक साथ न पीएं। घूंट-घूंट कर पानी पीएं। इससे जीभ की ग्रंथियों से स्त्रावित रस पानी के साथ मिलकर शरीर में पहुंचता है।
2. कुछ रोगों में सामान्य से अधिक पानी पीना लाभप्रद होता है जैसे बुखार, लू लगने पर, मूत्ररोगों में रक्तचाप होने पर कब्ज, पेट में जलन आदि की शिकायत होने पर।
3. भोजन के बीच में पानी पीने से पाचन तंत्र में गड़बड़ हो सकती है। भोजन से जो रस हमें प्राप्त होते हैं साथ में पानी पीने से उनका लाभ कम हो जाता है।
4. खाना खाने से आधा घंटा पहले पानी पीएं और भोजन के एक घंटा बाद पानी का सेवन करें। सोने से पूर्व भी एक गिलास पानी पीना चाहिए।
5. निर्जल व्रत रखने से बचें, इससे रक्तचाप, निर्जलीकरण और दिल की धड़कन बढ़ सकती है। चिकनाई वाले खाद्य पदाथों के सेवन के बाद पानी न पीएं, जैसे दूध, मलाई, मक्खन, देसी घी, मेवे, भुने चने, फल और मिठाई आदि। इससे खांसी का डर होता है।
6. खीरा, ककड़ी, तरबूज, खरबूजा, सिंघाडे के बाद भी पानी न पीएं क्योंकि इनमें जल की काफी मात्रा होती है। इनके बाद पानी पीने से हैजे का खतरा हो सकता है।
7. धूप से आने के तुरंत बाद भी पानी न पीएं, अधिक शारीरिक श्रम और व्यायाम के तुरंत बाद भी पानी न पीएं क्योंकि उस समय शरीर के अंदर गर्मी पैदा हुई होती है।
आयुर्वेद के अनुसार पानी पीने का सही तरीका
1. भोजन और पानी के बीच 1.5 से 2.5 घंटों का अंतर होना चाहिए।
2. खाना खाने से पहले पानी पीना चाहिए और यह खाना खाने से 40 मिनट पहले पीना चाहिए।
3. खाने के बाद मुंह और गले को साफ़ करने के लिए 1 या 2 घूँट गर्म या गुनगुना पानी लिया जा सकता है ।
4. गर्म चाय की तरह पानी को एक एक घूँट लेकर पियें।
5. यदि आप ताम्रपात्र में पानी का सेवन कर रहें हैं तो 3 माह के बाद कुछ सप्ताह के लिए इसका सेवन बंद कर दें फिर पुनः शुरू करें।