डीएमके चीफ एम करुणानिधि की समाधि को लेकर खड़ा हुआ विवाद मद्रास हाईकोर्ट में पहुंच गया है। मरीना बीच पर करुणानिधि की समाधि की मांग को खारिज करने के बाद राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया गया है। मामले को लेकर फिलहाल हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। डीएमके समर्थकों के हंगामे को देखते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने कहा है कि वह रात को इस मामले पर सुनवाई करेगी। हालांकि, रात 1 बजे तक सुनवाई चलने के बावजूद सरकार सही से पक्ष नहीं रख पाई। जिसके बाद सरकार ने जवाब के लिए और समय मांगा। इस पर हाईकोर्ट ने सुबह 8 बजे तक के लिए सुनवाई स्थगित कर दी।
मामले में याचिकाकर्ता के ट्रैफिक वकील रामास्वामी ने कहा करुणानिधि के लिए दफन भूमि देने में हमे कोई एतराज नहीं है। इसके जवाब में कार्यकारी चीफ जस्टिस ने वकील से अपना केस वापस लेने को कहा। मद्रास हाईकोर्ट ने रामास्वामी को ज्ञापन देने का आदेश दिया।
बतादें कि मंगलवार रात उस समय विवाद खड़ा हो गया जब तमिलनाडु सरकार ने एम करुणानिधि को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया। जिसके बाद चेन्नई में कावेरी हॉस्पिटल के बाहर डीएमके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया।
गौरतलब है कि द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन ने करुणानिधि के लंबे सार्वजनिक जीवन को याद करते हुए मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को पत्र लिखा था और उनसे मरीना बीच पर दिवंगत नेता के मार्गदर्शक सी एन अन्नादुरई के समाधि परिसर में जगह देने की मांग की थी। स्टालिन ने अपने पिता के निधन से महज कुछ ही घंटे पहले इस संबंध में मुख्यमंत्री से भेंट भी की थी।
सरकार ने एक बयान जारी कर कहा है कि वह मद्रास उच्च न्यायालय में लंबित कई मामलों और कानूनी जटिलताओं के कारण मरीना बीच पर जगह देने में असमर्थ है। इसलिए सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है।
कुछ खबरों में कहा गया है कि सरकार मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए इसलिए जगह देने को अनिच्छुक है क्योंकि वह वर्तमान मुख्यमंत्री नहीं थे। पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन और उनकी बेहद करीबी जे जयललिता मरीना बीच पर ही दफन किये गये थे और वहीं उनके स्मारक बनाए गए। ये दोनों राजनीति में करुणानिधि के कट्टर विरोधी थे। करुणानिधि के पूर्ववर्ती अन्नादुरई का जब निधन हुआ था, तब वह मुख्यमंत्री थे। द्रमुक कार्यकर्ताओं ने तत्काल ही प्रदर्शन किया और नारेबाजी की। उन्होंने मरीना बीच पर करुणानिधि को दफनाने के लिए जगह की मांग की।
समाधि को लेकर राजनीति जारी
-जयललिता की तरह करुणानिधि भी तमिल लोगों की आवाज थे। उन्हें भी मरीना बीच पर स्थान दिया जाना चाहिए। मुझे उम्मीद है तमिलनाडु के नेता इस मामले में उदारता दिखाएंगेः राहुल गांधी
-तमिलनाडु सरकार को करुणानिधि का अंतिम संस्कार अन्ना मेमोरियल के नजदीक करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए। यह उनको सबसे बड़ी श्रद्धांजलि होगीः रजनीकांत
-एक महान नेता का निधन हुआ है। वह तमिलनाडु ही नहीं पूरे देश का प्रतिनिधित्व करते थे। उन्होंने संघवाद और तमिलनाडु के लोगों के लिए लड़ाई लड़ी थी। अगर उनकी सामाधि के लिए जमीन नहीं दी गई तो तमिलनाडु के लोग राज्य सरकार को कभी माफ नहीं करेंगेः फारूक अब्दुल्ला
- कलैगनार को मरीना बीच में दफनाने के लिए जगह देने से मना करना दुर्भाग्यपूर्ण है। वो इसके हकदार हैं कि उनको तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री अन्ना दुरै के बगल में दफनाया जाए: सीता