इस बार की यूएनजीए की मीटिंग भारत के लिए कई मायनों में अलग है। ये भारत अब वो पुराना भारत नहीं रहा है। अब एक नए और मजबूत भारत की नींव रखी जा चुकी है। देश उसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। भारत की छवि अब तक एक साफ्ट देश के तौर पर मानी जाती थी मगर बीते कुछ सालों में पीएम मोदी के राज कई ऐसे फैसले लिए गए जिससे ये छवि अब पूरी तरह से धूमिल हो चुकी है। सालों से लंबित पड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लेकर देश का नक्शा ही बदला जा चुका है।
5 अगस्त को अनुच्छेद 370 खत्म करने की बात हो या फिर सीमापार करके बालाकोट पर सर्जिकल स्ट्राइक करने का। इस तरह के कदमों से छवि पूरी तरह से बदली जा चुकी है। मोदी ने अपने शासनकाल में दुनिया के तमाम देशों से संबंध भी मधुर बनाने की दिशा में काम किए, यही कारण है कि आज हर देश से भारत के राजनीतिक और व्यापारिक दोनों ही तरह के रिश्ते बेहतर हुए हैं। आइए जानते हैं कि इस बार की यूएनजीए की मीटिंग भारत के लिए किस तरह से खास है।
नया भारत मजबूत भारत
अब तक भारत को एक साफ्ट स्टेट कहा जाता था मगर 5 अगस्त के बाद से देश दुनिया की नजर में भारत की छवि बदल चुकी है। अब भारत सख्त फैसले लेने के लिए भी जाना जा रहा है। इससे पहले भी कई अहम फैसले मोदी सरकार के नेतृत्व में लिए जा चुके हैं। अनुच्छेद 370 को हटाकर भारत ने ये दर्शा दिया कि अब वो सख्त फैसले भी ले सकता है। इसके अलावा पाकिस्तान के बालाकोट में सर्जिकल स्ट्राइक करके भारत ने ये भी जता दिया कि वो आतंकियों का इस तरह से भी खात्मा कर सकता है।
5 अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35 ए हटाया जाना
गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में 5 अगस्त को कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाए जाने की घोषणा की थी। उसके बाद से ही पाकिस्तान भारत के खिलाफ खड़ा है। पाकिस्तान का कहना है कि भारत अनुच्छेद 370 को नहीं हटा सकता है। इसमें दखल देने के लिए वो तमाम मुस्लिम देशों से भी मदद मांग चुका है। इसी के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी इस मुद्दे को उठा चुका है मगर उसे कहीं से कुछ हासिल नहीं हुआ।
मुस्लिम देशों में पाकिस्तान को अलग थलग करना
पीएम मोदी ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद पाकिस्तान को बाकी दूसरे मुस्लिम देशों से अलग-थलग कर दिया। कोई भी मुस्लिम देश उनके साथ नहीं खड़ा हुआ। हर ओर से इमरान खान को निराशा ही हाथ लगी। उधर कुछ देश तो मोदी को अपने देश का सर्वोच्च सम्मान देकर उनके साथ मधुर संबंध बनाते रहे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को क्रिश्चियन बाहुल्य देशों से ही नहीं बल्कि मुस्लिम देशों से भी दर्जन भर सम्मान मिल चुके हैं। वो देश के अब तक के पहले ऐसे नेता है जिन्होंने दुनिया के तमाम मुस्लिम देशों से सम्मान हासिल किए हैं। पीएम मोदी पिछले पांच सालों में अंतरराष्ट्रीय नेता बनकर उभरे है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यूएई (संयुक्त अरब अमीरात) के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार ऑर्डर ऑफ जायद से सम्मानित किया गया। जिससे पता चलता है कि उन्होंने मुस्लिम वर्ल्ड से भारत के संबंध बेहतर बनाने के लिए कितने प्रयास किए हैं। पीएम मोदी को संयुक्त राष्ट्र और दक्षिण कोरिया, बहरीन, सऊदी अरब, फलस्तीन, अफगानिस्तान, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जैसे देशों द्वारा सम्मानित किया गया है। इनमें से चार सम्मान मुस्लिम देशों से मिले हैं। वहीं, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को सिर्फ एक-एक अंतरराष्ट्रीय सम्मान मिला है।
मुस्लिम देशों से मोदी को मिला ये-ये सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार अवॉर्ड ऑफ जायद से सम्मानित किया गया है। इस पुरस्कार के बाद मुस्लिम देशों से बीते पांच साल में प्रधानमंत्री को मिले पुरस्कारों की संख्या 6 पहुंच गई है। प्रधानमंत्री मोदी को मुस्लिम देशों से जो पुरस्कार मिले हैं, उनमें बहराइन का द किंग हमाद ऑर्डर ऑफ द रेनसां , यूएई का ऑर्डर ऑफ जायद , फलस्तीन का ग्रैंड कॉलर ऑफ द स्टेट ऑफ फलस्तीन , अफगानिस्तान का आमिर अमानुल्लाह खान पुरस्कार , सऊदी अरब का किंग अब्दुलअजीज शाह पुरस्कार और मालदीव का रूल ऑफ निशान इज्जुद्दीन शामिल हैं।
अमेरिका का मिला पूरा साथ
अमेरिका का भी भारत को पूरा साथ मिल रहा है इससे भी पाकिस्तान परेशान है। पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को ये उम्मीद थी कि यदि वो अमेरिका के सामने कश्मीर के मुद्दे को उठाएंगे तो डोनल्ड ट्रंप इस मुद्दे पर उनका साथ देंगे और भारत पर दबाव बनवाकर उसे वापस कराएंगे। मगर कुछ दिन पहले अमेरिका के हयूस्टन में हुए कार्यक्रम में जिस तरह से आतंकवाद को लेकर दोनों देशों ने मिलकर मुकाबला करने की बात कही उससे ये सिद्ध हो गया कि अब पाकिस्तान को वहां से भी कुछ मदद मिलने वाली नहीं है। डोनल्ड ट्रंप ने यहां मंच से ही कहा था कि कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर जो भी स्थिति उत्पन्न हुई उसे मोदी देख लेंगे।
यूएई ने स्पष्ट किया भारत के साथ संबंध बेहतर
आतंकवाद के मुद्दे पर भारत पाकिस्तान को चेतावनी देता रहा है लेकिन पाकिस्तान आतंक को रोकने के बजाय भारत के खिलाफ जाने से नहीं रुकता, आए दिन आतंकी साजिश रचना और विस्फोट कराना उसके रूटीन का हिस्सा बन चुका है। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद भी पाकिस्तान ने इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने की खूब कोशिश की, मगर उसे कुछ भी हाथ नहीं लगा, हर तरफ से उसे निराशा ही हाथ लगी, इसी बीच प्रधानंमत्री मोदी को यूएई से ये पुरस्कार मिल गया। जिससे मुस्लिम देश यूएई ने स्पष्ट कर दिया कि भारत के इस देश के साथ संबंध पहले से भी बेहतर हो गए हैं।
यूरोपियन यूनियन का दो टूक समर्थन
ब्रिटेन, फ्रांस, इटली, हंगरी, साइप्रस, चेक गणराज्य, अल्बानिया, डेनमार्क जैसे देशों का भी मोदी को दो टूक समर्थन हासिल है। कश्मीर के मामले में इनमें से किसी भी देश ने पाकिस्तान का साथ देने से साफ इंकार कर दिया है वो भारत के साथ खड़े हुए हैं।