राज्यसभा को आज नया उपसभापति मिलने जा रहा है। उपसभापति पद के लिए दोपहर 12 बजे चुनाव होना है। कांग्रेस ने अपनी पार्टी के नेता बीके हरिप्रसाद को विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा है तो वहीं एनडीए ने हरिवंश नारायण सिंह को। शिवसेना और बीजेडी की ओर से हरिवंश को समर्थन की घोषणा के बाद उनकी जीत तय मानी जा रही है। राज्यसभा में आंकड़ों के गणित के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में करीब 126 सांसदों का समर्थन दिख रहा है तो कांग्रेस उम्मीदवार हरिप्रसाद के खाते में अधिकतम 111 सांसदों का वोट ही आता दिख रहा है।
बीजेडी के एनडीए के साथ जाने की रणनीति को देखते हुए विपक्षी खेमे के गैर कांग्रेसी दलों ने अपना उम्मीदवार उतारने से मना कर दिया। इसी वजह से कांग्रेस को अपना उम्मीदवार उतारना पड़ा है।
सत्ता पक्ष के उम्मीदवार जदयू सांसद हरिवंश और विपक्ष के साझा उम्मीदवार कांग्रेस सांसद बीके हरिप्रसाद की उपसभापति पद की दावेदारी का नोटिस दोनों पक्षों ने बुधवार को राज्यसभा सचिवालय को सौंप दिया। हरिवंश के पक्ष में चार प्रस्ताव भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, शिवसेना के संजय राउत, जदयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह और अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा की ओर से दिया गया है। भाजपा के रामविचार नेताम, आरपीआई के रामदास अठावले, जदयू की कहकशां परवीन और अन्नाद्रमुक की वी सत्यानाथ की ओर से प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया है। बीके हरिप्रसाद के पक्ष में पांच प्रस्ताव विपक्ष की अलग-अलग पार्टियों की ओर से दिया गया है।
क्या है गणित
राज्यसभा के 245 सदस्यों के सदन में उपसभापति पद पर जीत के लिए 123 सांसदों की जरूरत है। बीजेडी के साथ आने की पूरी संभावना को देखते हुए एनडीए उम्मीदवार हरिवंश के इस आंकड़े को पार कर लेने की उम्मीद है। मौजूदा सियासी गणित के हिसाब से एनडीए उम्मीदवार को 126 वोट मिलने की संभावना दिख रही है। इसमें एनडीए के 91 के अलावा उन्हें बीजद के 9, वाइएसआर कांग्रेस 2, टीआरएस के 6, आइएनएलडी का 1, अन्नाद्रमुक के 13, मनोनीत 3 और असंबद्ध अमर सिंह का एक वोट हरिवंश के खाते में स्पष्ट है। इस संख्या के हिसाब से हरिवंश की जीत पक्की है।
जबकि कांग्रेस उम्मीदवार हरिप्रसाद के पक्ष में यूपीए के 61 सदस्यों के अलावा तृणमूल कांग्रेस के 13, सपा के 13, बसपा और द्रमुक के चार-चार, वामपंथी दलों के 7, जेडीएस का 1, टीडीपी के 6 सांसदों का समर्थन है। एक निर्दलीय और एक मनोनीत सदस्य का समर्थन भी कांग्रेस को मिलना तय है। इस हिसाब से हरिप्रसाद के पक्ष में कुल 111 सदस्यों का ही आंकड़ा बन रहा है। पीडीपी के दो सदस्य मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे।