वास्तुशास्त्र पूर्णत: वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है, अत: वास्तु दोष का प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य पड़ता है। वास्तु दोष रहित भवन में मनुष्य को शांति प्राप्त होती है। वास्तु दोष होने पर उस गृह में निवास करने वाले सदस्य किसी न किसी रूप में कष्ट स्वरूप जीवन व्यतीत करते हैं।
वास्तु दोष के कारण घर में असाध्य रोग, गृह क्लेश, मानसिक अशांति आदि समस्याएं भवन निर्माण के वास्तु दोष के कारण होती हैं। पूर्व-पश्चिम, उत्तर- दक्षिण, ईशान-वायव्य-नैऋत्य-आग्रेय, अद्य: अर्थात् पाताल एवं ऊर्ध्व अर्थात आकाश इन 10 तत्वों से मिलकर 10 दिशाओं का निर्माण होता है तथा पृथ्वी, जल, वायु, अग्रि, आकाश ये पंचतत्व मिलकर पंचमहाभूतों का निर्माण करते हैं। पृथ्वी की चुम्बकीय ऊर्जा किरणें उत्तरी ध्रुव से दक्षिणी ध्रुव की ओर प्रभावित होती हैं। यह वैज्ञानिक सिद्धांत है और ऊर्जा के विशाल स्रोत सूर्य की रश्मियां पूर्वी अक्ष से दक्षिणी अक्ष की ओर चलती हैं। प्रत्येक प्राणी पर इनका सीधा प्रभाव पड़ता है। वास्तुशास्त्र पूर्णत: वैज्ञानिक दृष्टिकोण पर आधारित है, अत: वास्तु दोष का प्रभाव मानव जीवन पर अवश्य पड़ता है। वास्तु दोष रहित भवन में मनुष्य को शांति प्राप्त होती है। वास्तु दोष होने पर उस गृह में निवास करने वाले सदस्य किसी न किसी रूप में कष्ट स्वरूप जीवन व्यतीत करते हैं।
मकान बनाते समय भूल या परिस्थितिवश कुछ वास्तुदोष रह जाते हैं. इन दोषों के निवारण के लिए यदि आप बताए जा रहे उपाय कर लें, तो बिना तोड़-फोड़ के ही वास्तुजनित दोषों से निजात पा सकते हैं.
यदि आपके मकान के सामने किसी प्रकार का वेध यानी खंभा, बड़ा पेड़ या बहुमंजिला इमारत हो तो इसकी वजह से आपका स्वास्थ्य या आर्थिक स्थिति प्रभावित हो सकती है. यदि वेघ दोष हो तो निम्न उपाय करना कारगर होगा.
अपने मकान के सामने लैम्प पोस्ट लगा लें.यदि यह संभव नहीं हो, तो घर के आगे अशोक का वृक्ष और सुगंधित फूलों के पेड़ के गमले लगा दें.तुलसी का पौधा स्वास्थ्य के लिए शुभ होता है.
यदि कोई बहुमंजिली इमारत आपके सामने हो, तो फेंगशुई के अनुसार अष्ट कोणीय दर्पण, क्रिस्टल बाल तथा दिशा सूचक यंत्र लगा सकते हैं.
बड़ा गोल आईना मकान की छत पर ऎसे लगाएं कि मकान की संपूर्ण छाया उसमें दिखाई देती रहे.
यदि मकान के पास में फैक्टरी का धुआं निकलता हो, तो एग्जास्ट पंखा या वृक्ष लगा लें.
यदि मकान में बीम ऎसी जगह हो जिसके कारण आप मानसिक तनाव महसूस करते हो तो बीम से उत्पन्न होने वाले दोषों से बचाव के लिए यह उपाय अपना सकते है.
शयनकक्ष में बीम हो, तो इसके नीचे अपना बैड या डाइनिंग टेबल नहीं लगाएं. यदि ऑफिस हो तो मेज व कुर्सियां नहीं रखें.
बीम के दोनों ओर बांसुरी लगा दें. इससे वास्तुदोष निवारण हो जाता है.
पवन घंटी बीम के नीचे लटका दें या बीम को सीलिंग टायलस से ढक दें.
बीम के दोनों ओर हरे रंग की गणपति प्रतिमा लगा दें. यह वास्तु दोषनाशक मानी जाती है.
यदि मकान का कोई कोना आपके मुख्य द्वार के सामने आए, तो स्पॉट लाइट लगाएं. जिससे प्रकाश आपके घर की ओर रहे तथा सीधा ऊंचा वृक्ष बीच में लगा दें.
शयनकक्ष में घी का दीपक व अगरबत्ती करें जिससे मन प्रसन्न रहे. इस बात का घ्यान रखें कि झाड़ू शयनकक्ष में नहीं रखें.
मकान में मुख्य द्वार पर देहरी बना लें. इससे बुरे व अन्य दोष घर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं.
ईशान कोण के दोष के लिए इस दिशा में पानी से भरा मटका रखें. इस कोण को साफ-सुथरा रखे.
अग्नि कोण दोष निवारण के लिए कोने में एक लाल रंग का बल्ब लगा दें जो दिन-रात जलता रहे.
वायव्य कोण दोष निवारण के लिए इस ओर की खिड़कियां खुली रखें, ताकि वायु आ सके.एजॉस्ट पंखा भी लगा सकते हैं.
नैऋत्य कोण दोष निवारण के लिए इस कोने को भारी बनाएं.स्टोर बनाना यहां शुभ होता है.